Saturday, November 12, 2011

शादी से पहले और शादी के बाद की जिंदगी

अभी शादी का पहला ही साल था,
खुशियों के मारे मेरा बुरा हाल था,
खुशियां कुछ यूं उमड़ रही थी,

सुबह सुबह मैडम का चाय लेकर आना,
थोड़ा शर्माते हुए हमें नींद से जगाना,
वो प्यार भरा हाथ हमारे सारे बालों में फिराना,

मुस्कुराते हुए कहना कि डार्लिंग चाय तो पी लो,
जल्दी से रेडी हो जाओ, आप को ऑफिस भी जाना है,

घर वाली भगवान का रुप लेकर आई थी,
दिल और दिमाग पर पूरी तरह छाई थी,

सांस भी लेते थे तो नाम उसी का होता था,
एक पल भी दूर जाने दुश्वार होता था,

5 साल बाद..........

सुबह-सुबह मैडम का चाय लेकर आना,
टेबल पर रख कर जोर से चिल्लाना,
आज ऑफिस जाओ तो मुन्ना को
स्कूल छोड़ते हुए जाना.........


एक बार फिर वही आवाज आई,
क्या बात है अभी तक छोड़ी नहीं चारपाई,
अगर मुन्ना लेट हो गया तो देख लेना,

मुन्ना की टीचल को फिर खुद ही सम्भाल लेना,
ना जाने घर वाली कैसा रुप लेकर आई थी,
दिल और दिमाग पर काली घटा छाई थी,

सांस भी लेते है तो उन्हीं का ख्याल होता है,
हर समय जेहन में एक ही सवाल होता है,

क्या कभी वो दिन लौट के आएंगे,
हम एक बार फिर कुवांरे बन पाएंगे....